Vash Level 2 Review: अक्सर सीक्वल सिर्फ पैसे कमाने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन वश लेवल टू को देखकर लगता है कि फिल्ममेकर्स ने शुरू से ही दोनों हिस्सों को एक साथ सोचा और प्लान किया था। पहली फिल्म का जो डार्क और अधूरा अंत था, उसे यह फिल्म आगे बढ़ाकर पूरा करती है और उस वर्ल्ड को और गहराई से समझाती है। aaj ke iss video me ham Gujrati Film Vas Part 2 ka review karne wale hain. इस फिल्म को समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा। कुछ साल पहले एक गुजराती फिल्म आई थी वश।
इस फिल्म ने गुजरात में अच्छा नाम कमाया था और दर्शकों को उसका कॉन्सेप्ट काफी पसंद आया। लेकिन चूंकि वो सिर्फ रीजनल रिलीज़ थी, इसलिए हिंदी ऑडियंस तक उसकी पहुँच नहीं हो पाई। इसके बाद हिंदी दर्शकों को इस कहानी का वर्शन अजय देवगन की शैतान से मिला, जो लगभग वश का रीमेक थी। फर्क बस इतना था कि जहाँ वश का अंत बेहद डार्क और हैरान करने वाला था, वहीं शैतान में एंडिंग को थोड़ा हल्का और “सेफ” बना दिया गया। यही वजह है कि वश लेवल टू की असली कड़ी गुजराती वश से जुड़ी है, न कि शैतान से।
वश लेवल टू की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ वश खत्म हुई थी। फिल्म लगभग 12 साल बाद के समय में सेट की गई है। पहले भाग में कहानी सिर्फ एक परिवार और उनके घर तक सीमित थी—एक बेटी, उसका वशीकरण और घर के अंदर घटती डरावनी घटनाएँ। लेकिन सीक्वल में स्केल कई गुना बढ़ चुका है। इस बार मामला सिर्फ़ एक लड़की तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरा स्कूल और उसके बाद धीरे–धीरे पूरा शहर उस डर और अराजकता का हिस्सा बन जाता है। यहाँ से कहानी सच में “लेवल टू” जैसी लगती है।
फिल्म का रनटाइम सिर्फ़ 1 घंटा 40 मिनट है। लंबाई कम होने के बावजूद कहानी कहीं भी खिंची हुई या बोरिंग नहीं लगती। शुरुआत से ही माहौल टेंशन से भरा रहता है और जैसे–जैसे घटनाएँ आगे बढ़ती हैं, stakes और बड़े होते जाते हैं। यही चीज़ फिल्म को एक स्ट्रॉन्ग और एंगेजिंग थ्रिलर बनाती है।
दोस्तों, अगर एक्टिंग की बात करें तो इस फिल्म का सबसे गहरा असर डालने वाला रोल निभाया है हितु कनोडिया ने, जो अथर्व के किरदार में नज़र आते हैं। वो ज़्यादातर वक्त खामोश रहते हैं, चेहरा शांत और स्थिर रहता है, लेकिन उनकी यही खामोशी सबसे बड़ी चीख बन जाती है। उनकी आंखों में 12 साल का डर और दर्द साफ झलकता है। बाहर से वो मज़बूत दिखते हैं, लेकिन उस मज़बूती के पीछे की टूटन दर्शकों को भीतर तक छू जाती है। अब बात करें आर्या की, जिसे निभाया है जानकी बोदिवाला ने। वो स्क्रीन पर भले कम नज़र आती हैं, लेकिन उनका एक सीन इतना दमदार है कि पूरी फिल्म उसी पर टिकती हुई लगती है। जानकी ने इससे पहले भी यही किरदार Shaitaan फिल्म में निभाया था, और उस रोल के लिए उन्हें अवॉर्ड्स भी मिले थे।
अब अगर फिल्म के म्यूज़िक और कुछ खास सीन्स की बात करें तो वो वाकई jaw dropping हैं। बैकग्राउंड म्यूज़िक कई बार इतना तेज़ असर डालता है कि कहानी का इमोशन दोगुना महसूस होता है। और बजट और स्केल को देखते हुए, फिल्म के action scenes उम्मीद से कहीं ज्यादा शानदार निकले हैं। जब लड़कियां सड़क पर निकलकर लोगों को मारती हैं, तो उस पूरे सीक्वेंस में एक अजीब सी real feel आती है, जैसे सच में कुछ सामने घट रहा हो।
इसके अलावा कुछ सीन ऐसे फिल्माए गए हैं जिन्हें देखकर लगता है मानो पूरा सीन एक ही फ्रेम या एक ही टेक में लिया गया हो। उस फ्लो और नैचुरल मूवमेंट ने मुझे सबसे ज्यादा इंप्रेस किया। ये चीज फिल्म को विजुअली और भी खास बना देती है।
हालांकि फिल्म की कहानी और एक्टिंग मजबूत हैं, लेकिन टेक्निकल लेवल पर कुछ कमियां भी नज़र आती हैं। कई जगह कैमरा एंगल्स थोड़े dull लगते हैं, जैसे फ्रेमिंग में वो इम्पैक्ट नहीं मिल पाता जो मिलना चाहिए था। इसके साथ ही लाइटिंग और color grading में भी काफी काम करने की ज़रूरत थी। कुछ सीन्स ऐसे हैं जहां इमोशन गहरे हैं, मगर स्क्रीन पर उनका असर उतना मजबूत नहीं बैठता, सिर्फ इसलिए क्योंकि विजुअल ट्रीटमेंट उतना शार्प और डिटेल्ड नहीं रखा गया। यही फिल्म का एक बड़ा डिसऐडवांटेज बन जाता है।
कुल मिलाकर वश लेवल टू एक दमदार और सही मायनों में ज़रूरी सीक्वल है। यह पहली फिल्म की कहानी को मजबूती से आगे बढ़ाती है और दर्शकों को एक नया, और बड़ा अनुभव देती है। हॉरर और थ्रिलर पसंद करने वालों के लिए यह फिल्म थिएटर में जरूर देखने लायक है। बस ध्यान रहे कि इसे देखने से पहले वश पार्ट वन देखना ज़रूरी है, तभी कहानी का पूरा असर समझ आएगा।
तो दोस्तों, यही थी इस फिल्म की मेरी पूरी कहानी और राय। कुछ कमियाँ हैं, लेकिन जो असर ये फिल्म छोड़ती है, वो लंबे समय तक याद रहता है। अब बारी आपकी है — आपको फिल्म कैसी लगी, वो ज़रूर कॉमेंट में बताइए।
Vash Level 2 Review
1 घंटे 40 मिनट की छोटी सी रनटाइम वाली वश लेवल 2 तेज़, दमदार और ओरिजिनल कहानी की बेहतरीन कड़ी है। हॉरर और थ्रिलर पसंद करने वालों के लिए ये फिल्म बड़े पर्दे पर ज़रूर देखने लायक है।
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Story8.5
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Acting9
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Music & Screenplay8.5
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Editing & Color Grading8